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Showing posts from October, 2015

'"आओ मिटाएँ भ्रष्टाचार "",This poem is written basically for creating awareness among people against the deadly and carcinogenic-corruption like situation in our country.This poem is written as per the request of ''Chief Vigilance Commission"' to celebrate ''Vigilance Awareness Week'' in CSIR-NEERI From 26th Oct-to31st Oct .

 आओ मिटाएँ भ्रष्टाचार ''जहाँ डाल डाल  पर सोने की चिड़िया करतींथी बसेरा  वहीं पग पग पर भ्रष्टाचार  का आज लगा है मेला ! वही आर्य भूमि है पुण्य भूमि है भारत देश हमारा  पर ईमानदारी इंशानोमें खोगया है सारा ! गांधी   तेरे देश में भ्रस्टाचार का है बोल बाला  गाँवों से लेकर दफ्तर तक हर कोई है इस का मारा ! बिना शिक्के या नोट से फाइलों का आगे बढ़ना  अस्वीकार  चाहे कार्य छोटा हो या बड़ा रिश्वतखोरी है  दारोमदार ! न  जाने हैं कितने कानून और संबैधानिक अधिकार   कोई शिकवा न कोई डर  है, सब यहाँ है  बेकार ! गरीब यहाँ रोटी के लिए  हररोज मरता है बार बार  सरकार  लगाती है नारा हम बंद करेंगे भ्रष्टाचार! अब दाल प्याज हुई महंगी गरीब बेचारा हुआ कंगाल  बंद करो नेता अब नारेबाजी बंद करो ये भ्रष्टाचार!   मंत्री करें यहाँ धोखाधड़ी या करें  तो बलात्कार  माफ़ है सब कुछ उनके लिए क्योंकि उनकी है सरकार! आओ  चलें सब हाथ मिलाएं मिलकर करें रिश्वतखोरी का इंकार  शपथ करो ऐ भाई बहनों ! देंगे न लेंगे  रूपया या डॉलर ! आये यहां गांधी,बुद्ध ,रसूल और कितने पैगम्बर  सत्य,अहिंसा और धरम  प

KALAM TERI YADON MEIN(A POEM DEDICATED TO DR.A.P.J.ABDUL KALAM ON HIS 84th BIRTH ANNIVERSARY ON THE EVE OF UN'S 'WORLD STUDENT'S DAY'')

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कलाम  तेरी यादों में  बुल बुल तेरे होठों पे  ये कैसा तराना है  आज दुनियां में कलाम तू बेमिशाल है , दीदार करते हैं हम तेरी वो  सादगी भरी जिन्दकी का  वो छोटासा  चेहरा और मासूम सी मुश्कुराहट  का , मिटादि  अपनी हँसती  को तूने विज्ञानं की खोज में  इसलिए तो मनाती है दुनिया जन्मवर्षगांठ पुरे   विश्व  में  आँख भर जाते हैं जब तेरी याद आती है  नजाने तेरे अग्नि -पृथ्वी  मिसाइल्स  विरानो में चुपके से रोते हैं , जितना भी लिक्खूँ तेरे बारे में वह होगा बहुत कम  कलाम !करता हूँ में तुझे लाखों सलाम !!! कलाम !करता हूँ में तुझे लाखों  सलाम !!!                                                                                                                                       कवि:मुहम्मद ओसिम  अख्तर